जयपुर: मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की पहल पर प्रदेश में रिक्त पदों पर भर्ती के कार्य को प्रतिबद्धता के साथ पूरा किया जा रहा है। चिकित्सा विभाग ने राज्य सरकार की इस प्राथमिकता को मिशन मोड में लेते हुए अल्प समय में ही सर्वाधिक भर्तियां करने का कीर्तिमान स्थापित किया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग ने अब तक 35 हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करते हुए 28 हजार से ज्यादा युवाओं को नियुक्तियां प्रदान कर दी हैं। उल्लेखनीय है कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक करीब 91 हजार पदों पर नियुक्तियां दी गई हैं और करीब 1 लाख 50 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन है।
- अब तक 28 हजार नियुक्तियां दी जा चुकीं
- 15 हजार पदों पर भर्तियां जल्द होंगी
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने बताया कि वर्तमान सरकार का कार्यकाल प्रारंभ होने से पूर्व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में बड़ी संख्या में पद रिक्त थे। इससे स्वास्थ्य सेवाओं की सुगम पहुंच प्रभावित हो रही थी। शहरों में भी बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कार्मिकों के पद रिक्त थे, वहीं गांवों एवं कस्बों में तो स्थिति इससे भी अधिक विकट थी। ऐसे में मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा ने समयबद्ध रूप से भर्तियां करने के निर्देश प्रदान किए। इन निर्देशों के बाद चिकित्सा विभाग ने मिशन मोड में भर्तियां कर मिसाल कायम की है। विभाग ने करीब 50 हजार पदों पर भर्तियां करने का लक्ष्य निर्धारित किया था और इस दिशा में सार्थक पहल करते हुए अब तक 35 हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती का कार्य पूरा कर लिया गया है। करीब 15 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन है, जो भी शीघ्र पूरी होगी।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने बताया कि विभाग ने अराजपत्रित संवर्ग में 20 हजार 630 पद, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 10 हजार 657 पद, मेडिकल ऑफिसर के 1700 पद तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग 2300 से अधिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूर्ण की गई है। इनमें से 28 हजार से अधिक पदों पर नियुक्तियां दी जा चुकी हैं। शेष पर पदस्थापन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
15 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन:
श्रीमती राठौड़ ने बताया कि विभाग में करीब 15 हजार पदों पर भर्ती की कार्यवाही चल रही है। इनमें से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत करीब 12 हजार पदों पर भर्ती की जा रही है। हाल ही राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा 22 सवंर्गों के करीब 10 हजार पदों पर परीक्षा आयोजित की जा चुकी है और इनमें से 11 संवर्गों के करीब 5 हजार पदों का परिणाम भी जारी हो चुका है। इसी प्रकार आयुष अधिकारी के 1535 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की जा चुकी है। एलोपैथी मेडिकल ऑफिसर के 166 पद तथा ब्लॉक हैल्थ सुपरवाइजर, मैकेनिक, काउंसलर, डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम कॉर्डिनेटर, साइकोलॉजिस्ट, जूनियर स्टेटिकल असिस्टेंट, एपिडेमियोलॉजिस्ट, डिस्ट्रिक्ट क्वालिटी मैनेजर के 1578 पदों पर शीघ्र ही अर्थना प्रेषित की जाएगी।
अब तक इन पदों पर हुई नियुक्तियां:
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में अब तक मेडिकल ऑफिसर, ऑक्यूपेशनल थैरेपिस्ट, हॉस्पिटल केयर टेकर, नर्सिंग ऑफिसर, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता, लैब टेक्नीशियन, सहायक रेडियोग्राफर, नेत्र सहायक, ईसीजी टेक्नीशियन, डेंटल टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, कम्यूनिटी हैल्थ ऑफिसर, सहायक आचार्य, सह आचार्य, आचार्य सहित विभिन्न पदों पर अब तक नियुक्तियां प्रदान की जा चुकी हैं।
इन पदों पर प्रक्रियाधीन है भर्तियां:
रिहेबिलिएशन वर्कर, सेक्टर हैल्थ सुपरवाइजर, फार्मा असिस्टेंट, मेडिकल लैब टेक्नीशियन, अकांउट्स असिस्टेंट, आयुर्वेद कम्पाउण्डर, डेटा एंट्री ऑपरेटर, पब्लिक हेल्थ केयर नर्स, सोशल वर्कर, फिजियोथेरेपिस्ट असिस्टेंट, नर्सिंग ट्रेनर, ब्लॉक प्रोग्राम ऑफिसर, साइकेट्रिक केयर नर्स, हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर, ऑडियोलॉजिस्ट, सीनियर काउंसलर, बायो मेडिकल इंजीनियर, नर्स, फीमेल हेल्थ वर्कर, सीएचओ, नर्सिंग इंचार्ज, आयुष अधिकारी, ब्लॉक हैल्थ सुपरवाइजर, मैकेनिक, काउंसलर, डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम कॉर्डिनेटर, साइकोलॉजिस्ट, जूनियर स्टेटिकल असिस्टेंट, एपिडेमियोलॉजिस्ट, डिस्ट्रिक्ट क्वालिटी मैनेजर।
वर्षों से लंबित थीं भर्तियां, रिक्त पद भरने से स्वास्थ्य सेवाओं में हुआ बड़ा सुधार:
उल्लेखनीय है कि चिकित्सा महकमे में स्वास्थ्य सेवाओं की दृष्टि से महत्वपूर्ण इन पदों पद लंबे समय से भर्तियां नहीं हो सकी थीं। फार्मासिस्ट सहित कई पद तो ऐसे थे, जिन पर 10-10 वर्षों से भर्तियां नहीं हो पाई थीं, लेकिन मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा की प्रतिबद्धता से इन पदों पर अल्प समय में भर्तियां की गईं। इन पदों पर भर्तियां होने से अब शहरों के साथ ही सीमावर्ती जिलों एवं गांव-कस्बों में भी चिकित्सकों सहित अन्य पैरामेडिकल स्टाफ पर्याप्त संख्या में उपलब्ध हो गया है। इससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में बड़ा सुधार आया है और आमजन को उपचार के लिए शहरों में नहीं आना पड़ रहा। साथ ही, लंबे समय से चिकित्सा क्षेत्र में रोजगार की राह देख रहे युवाओं के जीवन में आशा और विश्वास का संचार हुआ है।

