<p style="text-align: justify;"><strong>Women Reservation Bill News:</strong> केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश किया. इस बिल के पेश होने के साथ ही सियासत शुरू हो गई है. हर पार्टी इस बिल का क्रेडिट लेने में जुट गई है. इसी कड़ी में एनसीपी (शरद पवार गुट) ने कहा है कि महिला आरक्षण बिल को सबसे पहले राज्य स्तर पर लाने का काम पार्टी प्रमुख शरद पवार ने किया. कहा गया कि बिल के जरिए महिलाओं का सम्मान भी किया जाना चाहिए. </p> <p style="text-align: justify;">दरअसल, एनसीपी के यूथ विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी प्रवक्ता धीरज शर्मा ने महिला आरक्षण बिल को लेकर बात की. उन्होंने कहा कि इस बिल को सबसे पहले राज्य स्तर पर पवार साहेब (शरद पवार) लेकर आए थे. उन्होंने कहा कि इस बिल के माध्यम से महिलाओं का सम्मान होना चाहिए. महिलाओं को हर एक स्तर पर सम्मान मिलना चाहिए. इस बिल को सही तरीके से लागू करना होगा. महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी ज्यादा से ज्यादा होनी चाहिए. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>कांग्रेस भी कर चुकी है सबसे पहले बिल लाने का दावा</strong></p> <p style="text-align: justify;">दरअसल, जब से महिला आरक्षण बिल की बात हुई है, तब से ही अलग-अलग पार्टियों के जरिए क्रेडिट लेने का खेल शुरू हो गया है. एनसीपी से पहले कांग्रेस ने दावा किया कि उसकी पार्टी ही सबसे पहले इस बिल को लेकर आई थी. यहां तक कि कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने तो यहां तक कह दिया कि इस बिल को मनमोहन सिंह के कार्यकाल में राज्यसभा से पास भी करवा लिया गया था. </p> <p style="text-align: justify;">अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि 1989 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी स्थानीय निकाय चुनावों में महिलाओं के लिए आरक्षण चाहते थे. इस बात को ध्यान में रखते हुए वह इस बिल को लेकर आए थे. कांग्रेस सांसद ने कहा कि राजीव गांधी, नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह की सरकारें चुनौतियों की वजह से इस बिल को पास नहीं करा सकीं. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने इस बिल को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी थी. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>कांग्रेस महिला आरक्षण बिल को बताया जुमला</strong></p> <p style="text-align: justify;">वहीं, कांग्रेस ने मंगलवार को पेश हुए महिला आरक्षण बिल को चुनावी जुमला भी करार दिया है. पार्टी का कहना है कि सरकार ने महिलाओं के साथ धोखा किया है. बिल में इस बात का जिक्र किया गया है कि इसे जनगणना और परिसीमन के बाद 2029 में लागू किया जाएगा. कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अगर सच में प्रधानमंत्री <a title="नरेंद्र मोदी" href="https://www.abplive.com/topic/narendra-modi" data-type="interlinkingkeywords">नरेंद्र मोदी</a> महिला सशक्तीकरण की बात करते हैं, तो उन्हें बिना किसी किंतु-परंतु के तुरंत के इसे लागू कर देना चाहिए. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें: <a href="https://www.abplive.com/news/india/women-reservation-bill-in-parliament-congress-adhir-ranjan-chowdhury-bjp-home-minister-amit-shah-2497859">महिला आरक्षण बिल पर क्या गलत बोल गए कांग्रेस नेता अधीर रंजन? अमित शाह को सीट से उठकर टोकना पड़ा</a></strong></p>