
रिपोर्ट-निशा राठौड़
उदयपुर.1857 से 1947 तक के भारत की आज़ादी के इतिहास के अमर शहीदों और हजारों गुमनाम स्वाधीनता सेनानियों की वीर गाथा को इकीस हजार फीट कपड़े की दीर्घ पट्टीका पर उकेर कर उदयपुर के मनोज आंचलिया ओर सीमा वेद ने विश्व कीर्तिमान बनाया है. अभी इन्हें 12 विश्व रिकॉर्ड से नवाजा गया है.
लक्ष्यराज मेवाड़ ने किया प्रमाण पत्र का अवलोकन
उनके इस अदभुत कार्य पर राज्यपाल सलाहकार बोर्ड के सदस्य लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ ने कहा कि भूला दिए गये स्वाधीनता सेनानियों को स्मरण कराने का यह कार्य युवा पीढ़ी के लिये प्रेरणा का स्रोत है. डॉ. लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ ने मनोज आंचलिया और सीमा वेद की उपलब्धि पर प्राप्त कई रिकॉर्ड प्रमाण पत्रों का भी अवलोकन किया.
हाई रेज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, हावर्ड वर्ल्ड रिकार्ड, प्राइमा वर्ल्ड रिकॉर्ड, नेशनल बुक ऑफ रिकार्ड, ग्रेट इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड इंडिया सर्टिफिकेट, मारबल बुक ऑफ रिकॉर्ड, नेशनल प्राईड अवार्ड जैसे कई रिकॉर्ड बुक में दर्ज होने पर बधाई दी. लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ ने हार्वड वर्ल्ड रिकार्ड, नेशलन बुक ऑफ रिकार्ड सर्टिफिकेट प्रदान किया.
6 वर्ष से लिख रहे गुमनाम शहीदों की जीवनी
इस आजादी के लिए हजारों लाखों गुमनाम शहीदों ने अपनी जान देकर देश को आजाद करवाया था. कुछ ही ऐसे शहीद हैं जिन्हें हम जानते हैं. लेकिन उदयपुर के रहने वाले मनोज आंचलिया और सीमा वैध ने गुमनाम शहीदों के नाम और उनकी जीवनी लिखनी शुरू की है. इन्होंने 6 वर्ष में करीब 21 हजार फीट कपड़े पर इन गुमनाम शहीदों की जानकारी लिखी है.
विभिन्न पत्र पत्रिकाओं, प्रकाशित आलेख और पुस्तकों में लिखे हुए वर्णन को लेकर उन्होंने देश भर के शहीदों की जानकारी जुटाई. इसके बाद कपड़े पर लिखने का यह कार्य शुरू किया गया. इसमें देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर वहां के शहीदों के बारे में इकट्ठा की गईं जानकारियां भी हैं.
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FIRST PUBLISHED : February 05, 2023, 18:09 IST