
<p style="text-align: justify;"><strong>Supreme Court on Satyendar Jain:</strong> सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आप नेता और दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की नियमित जमानत याचिका को खारिज कर दिया. इसके साथ ही कोर्ट ने उन्हें सरेंडर करने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सत्येंद्र जैन सोमवार शाम को तिहाड़ जेल लौट आए. उन्हें तिहाड़ में जेल नंबर 7 में रखा गया है. इससे पहले सत्येंद्र जैन की नियमित जमानत याचिका खारिज करते वक्त कोर्ट ने कहा, ईडी के पास यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि जैन और दो सहयोगी प्रथम दृष्टया दोषी हैं.</p> <p style="text-align: justify;">सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की बेंच ने सत्येंद्र जैन से तत्काल आत्मसमर्पण करने को कहा. जैन अंतरिम जमानत पर बाहर थे. कोर्ट ने जैन को आत्मसमर्पण करने के लिए एक हफ्ते का वक्त देने के उनके वकील के मौखिक अनुरोध को ठुकरा दिया. </p> <p style="text-align: justify;">सत्येंद्र जैन को पिछले साल मई में सुप्रीम कोर्ट ने चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत दी थी और इसे बाद में बढ़ा दिया गया था. जैन ने इस मामले में उनकी नियमित जमानत की याचिका खारिज करने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. इसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. उधर, सुप्रीम कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सत्येंद्र जैन की तारीफ की और उन्हे दिल्लीवालों के लिए नायक बताया. </p> <p style="text-align: justify;">ईडी ने जैन से कथित तौर पर जुड़ी चार कंपनियों के जरिए धन शोधन के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया था. उन पर भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत 2017 में सीबीआई की एफआईआर के आधार पर गिरफ्तार किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ”इसमें कोई संदेह नहीं है कि याचिकाकर्ता सत्येन्द्र कुमार जैन ने नकदी के बदले समायोजन प्रविष्टियों के विचार की कल्पना की थी और वह नकद भुगतान करके चार कंपनियों के बैंक खातों में कोलकाता स्थित प्रविष्टि ऑपरेटर के माध्यम से प्राप्त कुल 4.81 करोड़ रुपये (लगभग) की समायोजन प्रविष्टियों के लिए जिम्मेदार थे. </p> <p style="text-align: justify;">बेंच ने कहा, मैसर्स अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स पैरयस इंफोसोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स इंडो मेटालिम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड और मैसर्स मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों का नियंत्रण और स्वामित्व जैन और उनके परिवार के पास था. </p>