अजय कश्यप/बरेली: उत्तर प्रदेश का बरेली जिला हमेशा अपनी गंगा जमुनी तहजीब के लिए जाना जाता है. आज यह बात एक बार फिर साबित हो गई, जब कांवड़ियों के रास्ते के लिए दो मुसलमान व्यक्तियों ने अपनी जमीन दे दी. दरअसल, कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ निकलने को लेकर हमेशा विवाद होता था. ऐसे में इस विवाद को जड़ से खत्म करने के लिए दो मुसलमान युवकों ने अपनी जमीन देकर अनोखी पहल की है. दो मुस्लिमों ने खेत का हिस्सा दान करते हुए कहा है कि पक्की सड़क बना दी जाए. इससे कांवड़ियों को परेशानी नहीं होगी. साथ ही अन्य दिनों में ग्रामीणों को आवाजाही का रास्ता भी मिल जाएगा.
क्या है पूरा मामला?
मामला थाना इज्जत नगर क्षेत्र के शिकारपुर का है. 2500 आबादी वाला शिकारपुर चौधरी गांव मुस्लिम बहुल है. ग्रामीण बताते हैं कि हिंदुओं की आबादी इसमें करीब 20 प्रतिशत है. पूर्व में तल्खी होती रही इसलिए अधिकारियों की निगाह इस गांव पर लगी रहती है. कोई रास्ता नहीं होने के कारण कांवड़ियों की टोलियां खेतों से होकर गुजरती थीं. वर्षों ऐसा ही होता रहा, लेकिन 2019 में कुछ लोगों ने इसपर आपत्ति जताई. दोनों संप्रदायों में तनातनी हो गई थी. प्रकरण थाने तक पहुंचा. उस समय तो मामला सुलझा दिया गया, लेकिन स्थायी समाधान नहीं तलाशा जा सका. वहीं, बीते दो वर्षों में कोरोना संक्रमण के कारण कांवड़ यात्रा नहीं निकली सकी.
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ग्रामीणों ने ही बैठकर निकाला समाधान
इस बार स्थिति सामान्य होने पर कांवड़ यात्रा की तैयारी होने लगी, तब अधिकारियों को पुराना विवाद फिर खटका. अधिकारियों ने समाधान के लिए ग्रामीणों को ही आगे कर दिया. उन्होंने कहा कि आपका गांव है, आपको यहां रहना है. प्रयास करिए कि आप लोग खुद ही इसका समाधान तलाश लें, जो सभी के लिए लाभकारी हो जाए. करीब तीन घंटे खुशनुमा माहौल में बातचीत होती रही.
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इसी दौरान इस्माइल और रशीद खां ने कहा कि रास्ते की तरफ हमारे खेत पड़ते हैं. पक्की सड़क बनाने के लिए कितनी जमीन देनी होगी. इस पर अधिकारियों ने बताया कि छह फीट चौड़ा व 62 मीटर लंबा रास्ता बनाना होगा. इस पर इस्माइल व रशीद का जवाब आया कि हम दोनों के खेत से इतना रास्ता ले लीजिए. इससे कांवड़िये गुजरें या अन्य ग्रामीण हमें कोई आपत्ति नहीं है. मुस्लिम युवकों की इस पहल की पूरे इलाके में चर्चा हो रही है.