राजनाथ सिंह के द्वारा उद्घाटित परियोजनाओं में सियोम पुल, तीन सड़कों और तीन अन्य परियोजनाओं सहित 22 पुल शामिल हैं। इनमें से आठ परियोजनाएं लद्दाख में, पांच अरुणाचल प्रदेश में, चार जम्मू कश्मीर में, तीन-तीन सिक्किम, पंजाब और उत्तराखंड में तथा दो राजस्थान में हैं।
तवांग में चीनी घुसपैठ की कोशिश को विफल किये जाने की घटना के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने सैन्य तैयारियों और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और जम्मू-कश्मीर के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पुलों और सड़कों समेत 28 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को देश को समर्पित किया। सरकार के इन प्रयासों के मुद्दे पर प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) डीएस त्रिपाठी की प्रतिक्रिया जानी गयी तो उन्होंने कहा कि इस सरकार के कार्यकाल में जिस तेजी के साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा विकास संबंधी कार्य हुए हैं वह ऐतिहासिक है।
उन्होंने कहा कि चीन हम पर इसलिए हावी होता जा रहा था क्योंकि वह विभिन्न सीमाओं पर बहुत जल्दी अपने सैनिकों को पहुँचा सकता था जबकि हमें समय लगता था। हमने 2020 में पूर्वी लद्दाख में हुई झड़प के दौरान जिस तेजी के साथ अपने सैनिकों की तैनाती की उससे चीन को अहसास हो गया है कि यह बदला हुआ भारत है। रक्षा मंत्री ने अपने अरुणाचल प्रदेश के दौरे के दौरान जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया उससे सेना को तो युद्ध की स्थिति में लाभ होगा ही साथ ही स्थानीय स्तर पर भी आम जनता को बड़े लाभ होंगे।
ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) डीएस त्रिपाठी ने कहा कि परियोजनाओं में सियोम पुल, तीन सड़कों और तीन अन्य परियोजनाओं सहित 22 पुल शामिल हैं। इनमें से आठ परियोजनाएं लद्दाख में, पांच अरुणाचल प्रदेश में, चार जम्मू कश्मीर में, तीन-तीन सिक्किम, पंजाब और उत्तराखंड में तथा दो राजस्थान में हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद 2014 से पूर्वोत्तर क्षेत्र में 10,000 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ है जिसने खासतौर पर सुरक्षा बलों को काफी मदद प्रदान की है।
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