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पीओके से जो मीडिया रिपोर्ट्स आ रही हैं उसके मुताबिक किराना की दुकानों में खाने-पीने के सामान की भारी कमी हो गयी है और दुकानों पर लंबी-लंबी लाइनें देखी जा रही हैं। गेहूं के आटे की कमी से ब्रेड और बेकरी आइटम्स की कीमतों में भी बढ़ोतरी हो गयी है।
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था कंगाल हो चुकी है और देश के विभिन्न हिस्सों में खाद्य पदार्थों की भारी कमी हो गयी है। इसी कड़ी में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लोगों को भी आवश्यक वस्तुओं की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। पीओके में खाने पीने के सामान के लिए दंगे जैसे हालात हो गये हैं। पीओके में मुजफ्फराबाद सहित क्षेत्र के बड़े हिस्से में आटे की अभूतपूर्व कमी का सामना करना पड़ रहा है। इस कमी के लिए पाकिस्तान सरकार के खिलाफ यहां के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। लोग कह रहे हैं कि यहां के संसाधनों की लूट तो पाकिस्तान सरकार और सेना करती है लेकिन यहां के लोगों की बुनियादी जरूरतें पूरी करने के लिए कोई कदम नहीं उठाये जाते। पीओके में लोग धरने प्रदर्शन कर रहे हैं, रैलियां निकाल रहे हैं और पाकिस्तान सरकार से मांग कर रहे हैं कि वह महंगाई पर लगाम लगाये और क्षेत्र में आटे की आपूर्ति करवाये।
पीओके से जो मीडिया रिपोर्ट्स आ रही हैं उसके मुताबिक किराना की दुकानों में खाने-पीने के सामान की भारी कमी हो गयी है और दुकानों पर लंबी-लंबी लाइनें देखी जा रही हैं। गेहूं के आटे की कमी से ब्रेड और बेकरी आइटम्स की कीमतों में भी बढ़ोतरी हो गयी है। कुछ लोगों ने कहा कि पीओके के लोगों के भोजन का प्रमुख घटक गेहूं था लेकिन अब गेहूं भी नहीं मिलने से हालात बदतर हो सकते हैं। पीओके के लोगों का कहना है कि हम सात दशकों से पाकिस्तान सरकार की ओर से भेदभाव झेल रहे हैं। खासकर जब पाकिस्तान पर कोई संकट आता है तो उसका सर्वाधिक खामियाजा पीओके के लोगों को झेलना पड़ता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस समय खाद्य संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की सरकार ने पीओके के लोगों को भूखे मरने के लिए छोड़ दिया है।
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