
हाइलाइट्स
4 से 5 मंडलियां बनी हैं, हर मंडली में दो दर्जन कलाकार
मंडलियों में नौकरीपेशा लोग ही करते हैं गायन
मंडलियों के लिए इच्छुक गायक करवा सकते हैं बुकिंग
बीकानेर. आमतौर पर गणगौर के त्योहार पर घरों में महिलाएं गीत गाती हुई नजर आती हैं. लेकिन, इन दिनों बीकानेर में गणगौर के गीत पुरुष गाते हुए नजर आ रहे हैं. पुरुषों की मंडली लोगों के घर-घर जाकर निशुल्क रूप से गीत गाती है. इन गीतों को सुनने के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं भी मौजूद रहती हैं. गणगौर पूजन उत्सव के दौरान शाम से देर रात तक पुरुष गणगौर प्रतिमाओं के समक्ष पारम्परिक गीत गाते हैं. हर मंडली में कलाकार प्रतिदिन दो से तीन स्थानों पर जाकर गणगौर के गीत गाते हैं. गणगौर पूजन के दौरान इन पुरुष मंडलियों की मांग बनी रहती हैं.
पुजारी बाबा गवरजा मंडली से जुड़े विजय ओझा ने बताया कि यह परम्परा रियासतकाल से चल रही है. पुरुषों द्वारा गाए जाने वाले गीतों को सुनने के लिए देश में विभिन्न स्थानों पर रहने वाले प्रवासी भी बीकानेर पहुंचते हैं. ओझा ने बताया कि बीकानेर में 4 से 5 मंडली बनी हुई है, हर एक मंडली में 20 से 30 कलाकार होते हैं. ओझा ने बताया कि गवार के गीत गाने का कारण है कि गवराजा माता के भजन भी गए जा सके और मनोकामना भी पूरी हो सकें.
बीकानेर में होली खेलने के दिन गणगौर गीतों का गायन शाम से शुरू होता है. जो करीब एक माह तक चलता है. इस दौरान पुरुष बाला गणगौर, बारहमासा गणगौर और धींगा गणगौर पूजन उत्सव में गीत गाते हैं.
ओझा ने बताया कि पुरुषों द्वारा गीत गाने के लिए एडवांस बुकिंग करवानी पड़ती है. इसके लिए व्हाट्स ग्रुप या मोबाइल नंबर जारी कर दिए गए हैं. लोग बुकिंग करवा सकते हैं. यह मंडली शहर के हर कोने में गणगौर के गीत गाने के लिए अपने खर्चे पर जाती है. ओझा ने बताया कि मंडली में आधे लोग सरकारी नौकरी करने वाले हैं, तो आधे निजी काम करने वाले. सभी सुबह अपने काम पर जाकर शाम को घरों में जाते हैं और गवार के भजन गाते हैं.
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FIRST PUBLISHED : March 22, 2023, 16:04 IST