<p style="text-align: justify;"><strong>Maharashtra Elections:</strong> महाराष्ट्र में लगातार तीन भाई मिलकर सत्ता चला रहे हैं तो दूसरी तरफ तीन भाई विपक्ष में है, एनडीए और MVA में भाईचारा दिखाई दे रहा है. दोनों गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर चर्चा चल रही है. शाह से लेकर कांग्रेस तक सभी की नजर विदर्भ पर है. विदर्भ की ज्यादातर सीटें सरकार की नींव मजबूत करने के लिए अहम हैं, इसलिए बीजेपी के केंद्रीय मंत्री <a title="अमित शाह" href="https://www.abplive.com/topic/amit-shah" data-type="interlinkingkeywords">अमित शाह</a> ने विदर्भ पर फोकस करना शुरू कर दिया है.</p> <p style="text-align: justify;">महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस ने सर्वसम्मति से विदर्भ में अधिक से अधिक सीटों पर लड़ कर भाजपा के लिए दुविधा खड़ी करने का फैसला किया है. महाविकास आघाड़ी में विदर्भ में कांग्रेस बडे भाई की भूमिका निभाने के लिए तैयार है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>क्या है विदर्भ का समीकरण ?</strong></p> <ul style="text-align: justify;"> <li>विदर्भ में कुल 62 विधानसभा सीटें हैं </li> <li>2019 के चुनाव में बीजेपी ने 29 सीटें जीतीं, कांग्रेस ने 15 सीटें जीतीं शिवसेना ने 4 सीटें, एनसीपी ने 6 सीटें और निर्दलीयों ने 8 सीटें जीती थीं </li> <li>2019 के बाद कई राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं. खबर है कि महाविकास अघाड़ी में नागपुर, वर्धा और बुलढाणा जिले की विधानसभा सीटों पर चर्चा हुई है. </li> <li>विदर्भ की सीटों को लेकर बैठक के पहले चरण में कुल 12 सीटों पर दरार थी, 12 सीटों में से दरार सुलझ गई है और अब महाविकास अघाड़ी गठबंधन बाकी छह सीटों पर फिर से चर्चा करेगा. </li> <li>कुछ सीटों पर पारंपरिक रूप से शिवसेना-ठाकरे समूह की सीटें लड़ी जाती हैं, जिन पर कांग्रेस भी दावा करती है जबकि कुछ सीटें कांग्रेस की पारंपरिक सीटें हैं. यहां पर ठाकरे समूह और एनसीपी ने दावा किया है. बताया जा रहा है कि जिन कुछ सीटों पर पेंच है, उन पर योग्यता के आधार पर फैसला लिया जाएगा.</li> <li>महा विकास अघाड़ी सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकना चाहती है, इसके लिए ठाकरे विदर्भ में कांग्रेस के लिए और मुंबई में ठाकरे के लिए समझौता करते नजर आएंगे.</li> </ul> <p style="text-align: justify;"><strong>महाराष्ट्र के विविध भागों मे कौन बडा भाई हो सकता है इस पर एक नजर डालते हैं. </strong></p> <ul style="text-align: justify;"> <li>विदर्भ – कांग्रेस पश्चिम महाराष्ट्र – राष्ट्रवादी </li> <li>मुंबई, ठाणे, कोंकण – यूबीटी </li> <li>उत्तर महाराष्ट्र – यूबीटी और राष्ट्रवादी कांग्रेस </li> <li>मराठवाड़ा – यूबीटी और कांग्रेस </li> </ul> <p style="text-align: justify;"><strong>कौन होगा बडा भाई ?</strong></p> <p style="text-align: justify;">2019 में महाराष्ट्र को विदर्भ से बालू धानोरकर के रूप में कांग्रेस से एकमात्र सांसद मिला. अब 2024 के <a title="लोकसभा चुनाव" href="https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024" data-type="interlinkingkeywords">लोकसभा चुनाव</a> में कांग्रेस इस एक सांसद से सीधे 13 सांसदों पर पहुंच गई है. इसमें बड़ी हिस्सेदारी विदर्भ की है. राज ठाकरे के दौरे भी विदर्भ में चल रहे हैं. एमएनएस फैक्टर विदर्भ में काम नहीं करेगा, लेकिन वोट बांटने में अहम होगा. वहीं दूसरी ओर नाना पटोले, विजय वड्डेटीवार, नितिन राउत, सुनील केदार जैसे ताकतवर कांग्रेस नेता विदर्भ से हैं. पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान उपमुख्यमंत्री देवेद फडणवीस, सुधीर मुनगंटीवार, नितिन गडकरी जैसे कद्दावर नेता हैं, इसलिए महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि पूरे देश की नजर विदर्भ की इस लड़ाई पर होगी और तभी तय होगा कि विदर्भ में बड़ा भाई कौन है?</p> <p style="text-align: justify;"><strong> यह भी पढ़ें- <a href="https://www.abplive.com/elections/prashant-kishor-jan-suraj-launch-what-are-the-agenda-challenges-or-big-faces-of-party-2795827">प्रशांत किशोर की ‘जन सुराज’ में कौन होगा बैक-बोन? बिहार चुनाव से पहले पार करने होंगे ये 3 बड़े रोड़े</a></strong></p>