लखनऊ: इस बार फाल्गुन 6 फरवरी से शुरू हो रहा है. हिंदू पंचांग में वर्ष का अंतिम माह फाल्गुन होता है जो कि 7 मार्च तक रहेगा. फाल्गुन माह में हिंदुओं के कई प्रमुख त्योहार होते हैं. इनमें महाशिवरात्रि, विजया एकादशी, होलिका दहन, होली आदि प्रमुख हैं. ऐसी मान्यता है कि फाल्गुन में भगवान विष्णु-लक्ष्मी, श्रीकृष्ण और चंद्रमा की यदि विधि-विधान से पूजा की जाए तो यह बहुत फलदायी होता है. आइए फाल्गुन माह से जुड़ी कुछ मान्यताओं को जानते हैं.
श्रीकृष्ण कन्हैया का माह है फाल्गुन
फाल्गुन माह को श्री कृष्ण की उपासना को समर्पित किया गया है. गीता में स्वयं श्रीकृष्ण ने कहा है कि ‘महीनों में मैं फाल्गुन हूं.’ इस माह में श्रीकृष्ण की मंदिरों में विशेष रूप से की जाती है. धर्मग्रंथों के मुताबिक फाल्गुन माह में श्रीकृष्ण के बाल रूप की पूजा करने से संतान सुख प्राप्त होता है.
महाशिवरात्रि और कृष्ण चतुर्दशी की विशेष मान्यता
फाल्गुन मास में महाशिवरात्रि जो फाल्गुन माह के कृष्ण चतुर्दशी तिथि पर मनाया जाता है. इस बार यह 18 फरवरी को है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस तिथि पर भगवान शिव निराकार यानी ज्योतिर्लिंग रूप में प्रकट हुए थे. दूसरा प्रमुख त्योहार है होलिका दहन. इस बार 7 मार्च को यह मनाया जाएगा. यह पर्व फाल्गुन माह के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है.
फाल्गुन माह में 3 बातों का रखें ध्यान
स्वास्थ्य का रखें ध्यान: फाल्गुन आते ही मौसम में बदलाव आप महसूस करने लगे होंगे. इसलिए मौसम के अनुकूल भोजन करें. बहुत तली हुई, वसायुक्त तथा तामसी प्रवृत्ति को बढ़ावा देने वाले भोजन से बचें. आज कल मोटे अनाज से बने खाद्य पदार्थ तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं. ऐसे में इनका सेवन लाभदायक रहेगा. फलों का सेवन अधिक करना चाहिए ताकि पाचन क्रिया पर इसका कोई असर न हो.
शीतल जल से स्नान करें : वैसे तो बसंत पंचमी के साथ ही ठंडे जल से स्नान शुरू कर देना चाहिए. फाल्गुन में ठंडे जल से नहाकर ध्यान व पूजा करें. रोगों से बचने के लिए इस मौसम में शीतला माता की पूजा का भी विधान है.
सूर्यदेव को जल चढ़ाएं : इस महीने में सूर्योदय से पूर्व सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए. माना जाता है कि इस समय सूर्य मकर और कुंभ राशि में होते हैं. इसके साथ ही इस माह में सूर्यदेव को जल चढ़ाने से शुभ समाचार मिलते हैं.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां मान्यताओं पर आधारित हैं. किसी भी स्थिति में विशेषज्ञों की सलाह पर कार्य को प्राथमिकता दें.
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