
रवि पायक/भीलवाड़ा. प्रदेश सहित भीलवाड़ा जिले भर में जहां दिवाली के त्योहार को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है तो भीलवाड़ा में अब दिवाली का त्योहार आगामी 1 नवंबर को मनाया जाएगा. भीलवाड़ा के नगर व्यास , ज्योतिषाचार्य और पंचांग कर्ता के अनुसार दिवाली का त्योहार आगामी 1 नवंबर को मनाया जाएगा. जहा एक तरफ कुछ जगहों पर इस साल 31 अक्टूबर की दीवाली बता रहे है तो वहीं भीलवाड़ा में 1 नवंबर को त्योहार मनाना शुभ माना है. दरअसल, इसका कारण कार्तिक अमावस्या की तिथि का दो दिन होना है. श्रीधर पंचांग व अन्य मान्यता पंचांग के अनुसार भीलवाड़ा में 1 नवम्बर को ही दीपावली का त्योहार मनाया जाएगा और इसी दिन लक्ष्मी पूजन श्रेष्ठ रहेगा.
भीलवाड़ा नगर व्यास पंडित राजेंद्र व्यास ने कहा कि हमारे क्षेत्र में विशेष कर भीलवाड़ा सहित राजस्थान में दिवाली को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. वर्तमान समय में लोगों में यह भ्रम है कि दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाए या फिर 1 नवंबर को. हमारे भीलवाड़ा प्राचीन पंचांग श्रीधर की मान्यता अधिक होती है. वहीं, निर्णय सागर पंचांग, मेवाड़ विजय पंचांग , मरकंद पंचांग और अर्ध भास्कर पंचांग इन सभी में 1 नवंबर की दिवाली बताई गई है.
शास्त्र में क्या कहा गया है
शास्त्र में ऐसा कहा जाता है कि अगर अमावस दो दिन की होती है तो धर्मशास्त्र में कहा है कि दूसरी वाली अमावस के दिन ही दिवाली मनाई जाती है. इस हिसाब से भीलवाड़ा के सभी विद्वान पंडित , ज्योतिष और महंत से चर्चा की गई. इन सब ने एकमत से कहा कि भीलवाड़ा में दिवाली 1 नवंबर को ही मनाए जाने चाहिए. वहीं, अगर 31 अक्टूबर को दिवाली को लेकर हुई महापंचायत की बात की जाए तो वहां किसी भी पंचांग कर्ता और पंचांग निर्माता को नहीं बुलाया गया था. अगर बुलाया जाता तो इस विषय पर चर्चा होती की दिवाली 31 को नहीं 1 नवम्बर को बनाई जानी चाहिए. लेकिन भीलवाड़ा में प्राचीन पंचांग के अनुसार आगामी 1 अक्टूबर को दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा.
FIRST PUBLISHED : October 19, 2024, 09:33 IST