
मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा नगर निगम में कांग्रेस ने 18 साल बाद बड़ी जीत दर्ज की है। राहुल गांधी के सिपाही विक्रम आहाके ने साबित कर दिया कि अगर सच्ची मेहनत, लगन और ईमानदारी से अपने सपनों के लिए लड़ा जाए तो इंसान कुछ भी हासिल कर सकता है। बता दें, मध्य प्रदेश में 11 नगर निगम में महापौर चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। 11 में से तीन पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया है। कांग्रेस की तरफ से छिंदवाड़ा नगर निगम से विक्रम आहाके को उम्मीदवार बनाया गया था।
विक्रम आहाके मेयर चुनाव में सबसे गरीब उम्मीदवार थे। उनकी उम्र अभी तीस साल साल है। छोटी उम्र में ही उन्होंने अपनी पार्टी का विश्वास जीता है। छिंदवाड़ा में बीजेपी के किले को तोड़कर नगर निगम का चुनाव जीत लिया है। इसके साथ ही विक्रम आहाके एमपी में सबसे कम उम्र के मेयर बन गए हैं।
विक्रम आहाके गरीब परिवार से आते हैं। विक्रम आहाके के पिता किसान हैं। खेती कर परिवार का पेट पालते हैं। उनकी मां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं।स्नातक के बाद भी विक्रम खेती करते हैं। जंगल से लकड़ियां लाते हैं। वह छिंदवाड़ा के राजाखोह गांव के रहने वाले हैं। पिता नरेश आहाके भी किसान हैं। वह अक्सर लुंगी और शर्ट ही पहनते हैं।
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए लिखा- ये विक्रम आहके हैं, आदिवासी समुदाय से आते है, छिंदवाड़ा युवा कांग्रेस के ‘जिला सचिव’ के तौर पर लगातार संघर्षरत थे। कांग्रेस पार्टी के साधारण युवाओं में भरोसे की बदौलत अब छिंदवाड़ा के ‘महापौर’ बन चुके हैं।
राहुल गांधी ने लिखा- मां आंगनवाड़ी में काम करती हैं, पिता जी किसान हैं और बेटा ‘महापौर’ है
मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा नगर निगम में कांग्रेस ने 18 साल बाद बड़ी जीत दर्ज की है। कांग्रेस पार्टी के विक्रम आहाके ने साबित कर दिया कि अगर सच्ची मेहनत, लगन और ईमानदारी से अपने सपनों के लिए लड़ा जाए तो इंसान कुछ भी हासिल कर सकता है।
विक्रम आहाके कांग्रेस आदिवासी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष थे और युवा कांग्रेस के ‘जिला सचिव’ के तौर पर भी संघर्षरत थे, अब वो छिंदवाड़ा के महापौर होंगे। हमारा सपना है कि एक ऐसा हिंदुस्तान बने जहां अमीर-ग़रीब में फासला न हो, सबको समानता का अधिकार मिले और कांग्रेस पार्टी जनता से किए गए अपने सभी वचनों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
मैं और पूरी कांग्रेस पार्टी को विक्रम आहाके पर गर्व है, हमें आपके जैसे ही निडर और पार्टी की विचारधारा में विश्वास रखने वाले कार्यकर्ताओं की ज़रुरत है।