बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि मुझे अपराध या अपराधियों के लिए कोई सहानुभूति नहीं है। उन्होंने कहा कि अपराध को खत्म करने के लिए कानून और संविधान हैं। यहां तक कि एक पीएम के हत्यारों पर भी मुकदमा चलाया गया और उन्हें सजा दी गई।
प्रयागराज में अतीक अहमद और अशरफ की हत्या पर राजनीति जबरदस्त तरीके से गर्म है। इस मामले को लेकर विपक्ष योगी सरकार पर निशाना साध रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी इस पर प्रतिक्रिया आई है। अपने बयान में नीतीश ने कहा कि पुलिस को देखना चाहिए था जो जेल में हैं और उसे इलाज या अन्य चीज के लिए बाहर ले जा रहे थे और उसके साथ ऐसा रास्ते में हो जाए तो ये दु:खद है इसके खिलाफ निश्चित रूप से कार्रवाई होनी चाहिए। जो भी जेल में जाएगा तो क्या उसे मार देना चाहिए? यह फैसला तो कोर्ट करती है न? उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पुलिस को उनकी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए था। यूपी सरकार को राज्य में कानून व्यवस्था के बारे में सोचना चाहिए। न्यायालय न्याय प्रदान करने के लिए है, अपराधियों को मारना कभी समाधान नहीं है।
बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि मुझे अपराध या अपराधियों के लिए कोई सहानुभूति नहीं है। उन्होंने कहा कि अपराध को खत्म करने के लिए कानून और संविधान हैं। यहां तक कि एक पीएम के हत्यारों पर भी मुकदमा चलाया गया और उन्हें सजा दी गई। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यूपी में जो हुआ वह अतीक अहमद की जनाजे की नहीं बल्कि कानून की शवयात्रा थी। हिरासत में मौत के मामले में यूपी अव्वल सस्ती पब्लिसिटी के लिए ऐसा किया गया है। यूपी में किस तरह का शासन है, यह सभी जानते हैं…यह स्क्रिप्टेड लग रहा था।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक मेडिकल कॉलेज में जांच के लिए पुलिसकर्मियों द्वारा ले जाने के दौरान अहमद (60) और अशरफ जब पत्रकारों के सवाल का जवाब दे रहे थे, तभी वहां पत्रकारों के भेष में आए तीन हमलावरों ने उन पर गोलियां चला दी। इस घटना के कुछ घंटे पहले अहमद के बेटे असद का अंतिम संस्कार किया गया था, जो 13 अप्रैल को झांसी में पुलिस मुठभेड़ में अपने एक साथी के साथ मारा गया था। उत्तर प्रदेश पुलिस ने शुक्रवार को कहा था कि उसने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार के छह वर्षों में 183 कथित अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराया है और इसमें असद और उसके साथी भी शामिल हैं।
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