

ISRO
चंद्रयान-4 मिशन के लिए तैयारी कर रहा है, जिसका उद्देश्य चंद्रमा से नमूने वापस लाना है। हालाँकि, पिछले मिशनों के विपरीत, चंद्रयान -4 मिशन में कुछ अनोखी चुनौतियाँ हैं। इसमें भारत द्वारा अब तक इस्तेमाल किया गया सबसे शक्तिशाली रॉकेट सिस्टम शामिल होगा। मिशन में कई लॉन्च शामिल हैं, जिसके बाद मॉड्यूल को अंतरिक्ष में इकट्ठा किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल ने शुक्र ग्रह की कक्षा संबंधी अभियान, गगनयान व चंद्रयान-4 अभियान के विस्तार को मंजूरी दी। बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने महत्वाकांक्षी चंद्रयान-4 मिशन के लिए तैयारी कर रहा है, जिसका उद्देश्य चंद्रमा से नमूने वापस लाना है। हालाँकि, पिछले मिशनों के विपरीत, चंद्रयान -4 मिशन में कुछ अनोखी चुनौतियाँ हैं। इसमें भारत द्वारा अब तक इस्तेमाल किया गया सबसे शक्तिशाली रॉकेट सिस्टम शामिल होगा। मिशन में कई लॉन्च शामिल हैं, जिसके बाद मॉड्यूल को अंतरिक्ष में इकट्ठा किया जाएगा।
भारत के भविष्य के अंतरिक्ष स्टेशन भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस) को भी कई प्रक्षेपणों के माध्यम से अंतरिक्ष में इकट्ठा किया जाएगा। बीएएस का पहला खंड वर्तमान एलवीएम3 रॉकेट का उपयोग करके लॉन्च किया जाएगा, जिसका पहला प्रक्षेपण 2028 तक करने का लक्ष्य है। सरकारी मंजूरी के लिए निर्माण, आवश्यक प्रौद्योगिकियों, समयरेखा और लागत का विवरण देने वाला एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
आगामी स्पैडेक्स मिशन अंतरिक्ष में डॉकिंग प्रदर्शित करने वाला इसरो का पहला मिशन होगा। सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-4 मिशन के लिए विस्तृत अध्ययन और आंतरिक समीक्षा पूरी हो चुकी है और लागत अनुमान जल्द ही मंजूरी के लिए सरकार को सौंपा जाएगा।
अन्य न्यूज़