
रिपोर्ट-ललितेश कुशवाहा
भरतपुर. देश के विभिन्न शहरों में रहने वाले बच्चे ग्रामीण एवं भारतीय संस्कृति से कम परिचित होते हैं. ऐसे बच्चों का दल बनाकर गांवो का भ्रमण करवाया जाता है. जिससे यह बच्चे ग्रामीण एवं भारतीय संस्कृति को देखने के साथ-साथ महसूस कर सकें. जिले में इस प्रकार के बच्चो के लिए स्क्वायर संगठन व वेयरफुट कॉलेज इंटरनेशनल के द्वारा दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन भुसावर कस्बे के गांव दीवली में किया गया. इस कार्यशाला में ग्रामीण एवं भारतीय संस्कृति से रूबरू होने के लिए देश के विभिन्न राज्यों के स्कूलों के बच्चों के दल ने भाग लिया.
इस दो दिवसीय कार्यशाला के माध्यम से विभिन्न बड़े शहरों के स्कूली छात्र-छात्राओं के दल ने गांव दीवली में ग्रामीण व भारतीय संस्कृति को जानने के साथ ही गांव में सफाई अभियान, पौधारोपण, महिलाओं के लिए शौचालय निर्माण, वॉल पेंटिंग करके सामाजिक संदेश दिया. इसके अलावा गांव में संचालित मोहिनी रीड इंडिया ग्रामीण प्रशिक्षण एवं विकास केंद्र में स्टूल और लालटेन बनाने, सैनिटरी टॉवेल का प्रशिक्षण भी प्राप्त किया.
इन राज्यों के स्कूलों के बच्चों ने लिया भाग
देश के विभिन्न राज्यों के स्कूलों के बच्चों के दल ने भाग लिया. मेयो बॉयज़ पब्लिक स्कूल, वेल्हम गर्ल्स पब्लिक स्कूल, वेल्हम बॉयज़ पब्लिक स्कूल देहरादून , पाथवे दिल्ली, राजमाता कृष्णकुमारी कौर पब्लिक स्कूल जोधपुर, राजस्थान विद्या देवी जिंदल पब्लिक स्कूल हिसार पीपीएस स्कूल नाभा के लगभग 50 छात्र-छात्राओं के दल ने ग्रामीण व भारतीय संस्कृति को देखा.
क्या बोले छात्र – छात्राएं
आपके शहर से (भरतपुर)
छात्रा वेदांशी ने कहा कि हमने कभी नहीं सोचा था कि हमें कभी गांव में घूमने का अवसर मिलेगा. य़ह हमारे लिए एक बहुत ही बेहतरीन अनुभव था. गांव की संस्कृति को जानने का हमें सौभाग्य मिला. छात्रा कृति ने कहा कि हमने पहले भी कई शैक्षणिक भ्रमण किए हैं परंतु यह भ्रमण हमारे लिए सबसे यादगार रहा क्योंकि इसमें हमने गांव में पौधारोपण किया. महिलाओं के लिए गांव में टॉयलेट् का अभाव था तो हम सबने मिलकर निर्माण किया. जिससे हमें बहुत खुशी मिली. वहीं छात्रा शरन्या माहेश्वरी ने बताया कि जब हम गांव में घूमने निकले तो ग्रामीणों द्वारा हमारा बहुत अच्छे तरीके से सत्कार किया गया. गांव वालों के व्यवहार से हम सभी अभिभूत हैं. इसके साथ ही सबसे बड़ी बात यह रही कि अभी तक हमको नहीं पता था कि हम स्टूल बनाना भी सीखेंगे. अभी तक हम बाजार जाते थे तो खरीद कर ले आते थे. परंतु अब हमने सीखा है कि किस तरह स्टूल बनाया जाता है य़ह एक बेहतरीन अनुभव है.
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Tags: Bharatpur News, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : February 05, 2023, 18:06 IST