Last Updated:
Sikar Weather Update: मौसम विभाग के अलर्ट के अनुसार, आज भी सर्दी से राहत नहीं मिलने वाली है, साथ ही आज कोहरे का भी असर बढ़ गया है, जिससे वाहन चालकों की भी परेशानी बढ़ गई है.
सीकर:- मौसम लगातार करवट ले रहा है, ऐसे में एक बार फिर पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से शेखावाटी क्षेत्र में मावठ का दौर शुरू हो गया है. सीकर, चूरू और झुंझुनू में शनिवार सुबह से ही तेज हवा का दबाव शुरू हो गया, इसके बाद दिनभर हुई बारिश से वातावरण में नमी का स्तर बढ़कर 95 प्रतिशत तक पहुंच गया. आपको बता दें, कि सीकर में सबसे ज्यादा 12 एमएम बारिश नीमकाथाना व पलसाना में दर्ज की गई, और सीकर जिला मुख्यालय पर 10 एमएम बारिश हुई. वहीं आज की बात करें, तो आज कोहरे का असर बढ़ गया है, जिससे वाहन चालकों की परेशानी बढ़ गई है. कल पूरे दिन सूरज नहीं निकलने से मौसम विभाग के अलर्ट के अनुसार, आज भी सर्दी से राहत नहीं मिलने वाली है.
इतना रहा शेखावाटी का तापमान
फतेहपुर कृषि अनुसंधान केंद्र पर शनिवार को सीकर का अधिकतम तापमान 12.5 डिग्री व न्यूनतम 2.5 डिग्री दर्ज किया गया. वहीं, शुक्रवार को अधिकतम तापमान 25.5 डिग्री व न्यूनतम 2.0 डिग्री रहा. इसके अलावा चूरू का अधिकतम तापमान 12.8 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 8.4 डिग्री सेल्सियस रहा. वही झुंझुनू का अधिकतम तापमान 11.5 डिग्री और न्यूनतम तापमान 7.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
बारिश की संभावना
जयपुर मौसम विभाग के निदेशक राधेश्याम शर्मा के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ का दबाव कम होने से आज दोपहर तक मौसम सामान्य होने लगेगा. नमी के कारण तीन दिन तक घना कोहरा छाएगा और इस दौरान कोल्ड-डे की स्थिति रहेगी. वहीं 14 व 15 जनवरी तक बादलों का दबाव बढ़ने से ठंड बढ़ेगी. आगे उन्होंने बताया, कि जनवरी के पहले पखवाड़े की मावठ गेहूं, जौ, सरसों, चना सहित रबी की सभी फसलों में अच्छी पैदावार लाएगी, और इस वक्त की मावठ से फसलों पर पाला पड़ने की आशंका भी कम रहेगी. वहीं फसलों की बढ़वार अवस्था में बार-बार हो रही मावठ से चारे के साथ अनाज की पैदावार भी बढ़ेगी.
किसानों को फायदा
एग्रीकल्चर एक्सपर्ट के अनुसार, मावठ से रबी की फसलों में अच्छी बढ़वार आएगी, और बार-बार बारिश होने से वायुमंडल में जमा नाइट्रोजन फसलों को मिलेगी, जिससे लंबे समय तक नमी बने रहने से फसलों को सिंचाई की भी जरूरत कम होगी. यदि मौसम खुलने के बाद कोहरा रहा तो फसलों में कुछ दिन तक पाला पड़ने की संभावना भी नहीं रहेगी.
और पढ़ें