मुंबई: करीब एक साल पहले शिवसेना में हुई बगावत को लेकर कुछ रोचक जानकारी सामने आई है। शिवसेना के उद्धव बालासाहेब ठाकरे समूह के यूट्यूब चैनल पर पार्टी के नेता आदेश बांदेकर ने सत्ता के बाद के नाटक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले विधायक नितिन देशमुख और कैलास पाटिल का इंटरव्यू लिया। यह इंटरव्यू इस वक्त सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस इंटरव्यू में नितिन देशमुख और कैलास पाटिल ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। विधायक नितिन देशमुख ने दावा किया कि एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद अंत तक उद्धव ठाकरे के साथ रहने वाले कुछ वरिष्ठ नेताओं की टीम ही बगावत की असली मास्टरमाइंड है। नितिन देशमुख ने बताया कि शिवसेना में बगावत कोई अचानक नहीं हुई थी। यह साजिश तो उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने के छह महीने के भीतर ही शुरू हो गई थी।
हम यह सब पहले से ही जानते थे। जब यह सब चल रहा था तब मेरी और मेरे पीए की एक बार बात भी हुई थी। हमको लगा था कि शिवसेना के 22 से ज्यादा विधायक बगावत नहीं करेंगे। लेकिन इतने बड़े पैमाने पर विधायक बगावत करेंगे यह हमने नहीं सोचा था। उस समय शिवसेना के सभी वरिष्ठ नेता एक साथ रहा करते थे। एकनाथ शिंदे गुट के गुलाबराव पाटिल कहते हैं, हम तो बाद में गए, संजय राउत ने हमें बाहर कर दिया। लेकिन मेरा मानना है कि जो वरिष्ठ नेता बाद में उद्धव ठाकरे के साथ रहे, वह विद्रोह के असली सूत्रधार थे।
उद्धव साहब को बताने की हिम्मत नहीं हुई: नितिन देशमुख
शिवसेना में संभावित बगावत के बारे में हम यह सब पहले से ही जानते थे। कैलास पाटिल और मेरे बीच तब चर्चा हुई थी। हमने तय किया था कि किसी भी हालत में उद्धव ठाकरे को नहीं छोड़ेंगे। यह सब जानते हुए भी हमने कभी उद्धव साहब को बताने की हिम्मत नहीं की। हम पहली बार विधायक थे तो हमने सोचा कि कैसे इन चीजों पर उनसे बात की जाए। हालांकि, हमने सोचा था कि ऐसा नहीं होगा। संतोष बांगर भी हमारे साथ थे। हमने चर्चा की कि हमें उनके साथ नहीं जाना चाहिए। तब शिवसेना के वरिष्ठ नेता कहते थे कि हम उद्धव ठाकरे को फिर से बीजेपी के साथ जाने के लिए मना लेंगे। लेकिन हमने नहीं सोचा था कि पार्टी में इतना बड़ा विद्रोह होगा।
देवेंद्र फडणवीस को नहीं पता था कि एकनाथ शिंदे को मिलेगा सीएम पद
देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि मैंने मुख्यमंत्री पद के लिए एकनाथ शिंदे का नाम सुझाया था लेकिन उनका दावा झूठा है। देवेंद्र फडणवीस को शायद नहीं पता था कि एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद मिलेगा। देवेंद्र फडणवीस सिर्फ सरकार गिराना चाहते थे। सब कुछ दिल्ली से कंट्रोल किया जा रहा था। हालांकि, देवेंद्र फडणवीस को नहीं पता था कि मुख्यमंत्री कौन होगा? इसके उलट एकनाथ शिंदे बगावत के एक महीने पहले से ही जानते थे कि वह मुख्यमंत्री बन जाएंगे। नितिन देशमुख ने दावा किया कि खुद एकनाथ शिंदे ने मुझे यह बात बताई थी।