लखनऊ के लुलु मॉल में नमाज पढ़े जाने का वीडियो सामने आने के बाद मॉल के मैनेजमेंट ने अहम निर्देश जारी किये हैं। मॉल के अधिकारियों ने शुक्रवार को मॉल के अंदर कई जगहों पर नोटिस बोर्ड लगाए, जिसमें लिखा था कि मॉल में धार्मिक प्रार्थना की अनुमति नहीं होगी। वहीं इस बीच अखिल भारत हिंदू महासभा ने मॉल में नमाज अदा करने वाले लोगों का एक और वीडियो जारी किया। महासभा की तरफ से मॉल को लुलु मस्जिद कहा गया।
बता दें कि बीते दिनों एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें कुछ लोग नमाज पढ़ते नजर आ रहे हैं। इसे लुलु मॉल का बताया जा रहा है। इसको लेकर सोशल मीडिया पर कई लोगों ने आपत्ति जताई है। वहीं अखिल भारतीय हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने इसपर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर उनकी सुनवाई नहीं हुई तो वो मॉल के अंदर सुंदरकांड का पाठ करेंगे।
गौरतलब है कि शुक्रवार को उत्तर प्रदेश पुलिस ने लुलु मॉल से तीन लोगों को मॉल परिसर के अंदर सुंदरकांड का पाठ करने का प्रयास करने के आरोप में हिरासत में लिया है। पुलिस का कहना है कि हिरासत में लिये गये लोग हिंदू समाज पार्टी के थे और उन्हें मॉल के प्रवेश द्वार पर ही हिरासत में लिया गया था।
लखनऊ के एडीसीपी साउथ राजेश श्रीवास्तव ने कहा, “लखनऊ में लुलु मॉल के प्रवेश द्वार से तीन लोगों को मॉल परिसर के अंदर सुंदरकांड का पाठ करने का प्रयास करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। फिलहाल वर्तमान में शांतिपूर्ण स्थिति है।”
क्या है विवाद: बता दें कि LuLu Group ने 10 जुलाई को लखनऊ में अपना पहला मॉल खोला। इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। वहीं इस ग्रुप के अध्यक्ष और भारतीय मूल के अरबपति युसूफ अली एमए भी इस दौरान मौजूद थे। वहीं मॉल के उद्घाटन के तुरंत बाद नमाज पढ़ने का एक वीडियो सामने आया। जिसको लेकर लोगों ने शिकायतें की कि मॉल ‘लव जिहाद’ कर रहा है। लोगों का आरोप है कि मॉल के 70% कर्मचारी मुस्लिम हैं।
वहीं मॉल में ज्यादातर मुस्लिम कर्मचारियों के रखे जाने पर सफाई देते हुए मॉल के जीएम नोमान खान ने कहा कि यह गलत आरोप है। हमारे यहां किसी भी वर्ग की विशेष तौर पर भर्ती नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि लोगों के चयन के लिए हमने दो वॉक इन इंटरव्यू रखे थे। इसको लेकर अलग-अलग राज्यों और अलग-अलग अखबारों में विज्ञापन भी दिया गया था। उसी के हिसाब से कर्मचारी रखे जा रहे हैं।