
राष्ट्रपति चुनाव में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को समर्थन देने का ऐलान कर चुके हैं। वहीं उनके इस फैसले पर उनके चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल ने यादव ऐतराज जताते हुए उनपर निशाना साधा है। बता दें कि शिवपाल यादव अपना दर्द बयां करते हुए बोले कि अखिलेश यादव उन्हें सपा विधायक नहीं मानते हैं।
शिवपाल यादव ने सोमवार को राष्ट्रपति चुनाव में मतदान किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि नेताजी(मुलायम सिंह यादव) को आईएसआई का एजेंट कहने वाले को मैं समर्थन नहीं करूंगा। उन्होंने कहा कि जो पक्का समाजवादी होगा वो नेता जी के ऊपर आरोप को बर्दाश्त नहीं करेगा।
अखिलेश मुझे किसी बैठक में नहीं बुलाते: मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैं समाजवादी पार्टी से विधायक हूं, लेकिन नेताजी को आईएसआई का एजेंट बताने वाले को मैं समर्थन नहीं कर सकता। उन्होंने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं जीता हूं तो सपा के चुनाव चिन्ह पर ही लेकिन अखिलेश यादव मुझे सपा विधायक नहीं मानते हैं। इसलिए वो मुझे किसी बैठक में नहीं बुलाते। उन्होंने कहा कि किसी संवैधानिक पद को लेकर चुनाव हो रहा है, इसपर आम सहमति पर चुनाव होना चाहिए। जिससे आगे कभी विवाद खड़ा हो।
सपा प्रमुख अपरिपक्व हैं: अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए उन्होंने उन्हें अपरिपक्व बताते हुए कहा कि अगर जरा सी भी उनमें परिपक्वता होती तो वो नेताजी को आईएसआई एजेंट कहने वाले को वो समर्थन नहीं देते। उनकी इसी अपरिपक्वता के चलते पार्टी का यह हाल हुआ है। शिवपाल यादव ने कहा कि मैं आज भी सपा विधायक हूं, अखिलेश ने अगर मुलायम सिंह यादव और मेरा ख्याल रखा होता तो हालत दूसरी होती। भाजपा इस जगह(सत्ता में) नहीं होती।
इससे पहले लिखा था पत्र: बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव से पहले एक पत्र लिखकर शिवपाल यादव ने अखिलेश से यशवंत सिन्हा को समर्थन देने पर दोबारा विचार करने की बात कही थी। शिवपाल ने यह भी कहा था कि यह बेहद अफसोसजनक है कि जो सपा मुलायम सिंह यादव के बारे में कभी एक शब्द सुनने को तैयार नहीं थी, वही आज उनके खिलाफ बयान देने वाले को राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन कर रही है।