
निखिल स्वामी/ बीकानेर. किसानों के लिए विभिन्न फसल की किस्में इन इलाकों के लिए काफी उपयोगी रहता है. ऐसे में इन फसलों की किस्मों का उपयोग करने से किसान मालामाल हो सकते हैं. इसको लेकर स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कृषि अनुसंधान केंद्र में दो दिवसीय क्षेत्रीय अनुसंधान एवं प्रसार सलाहकार समिति की बैठक आंशिक सिंचित अति शुष्क पश्चिमी क्षेत्र के लिए उपयुक्त फसल किस्मों की अनुशंसाओं के साथ संपन्न हुई.
बैठक में उष्णता एवं सूखारोधी सरसों की दो किस्मों आर.एच-725 तथा सी.एस-60 तथा चने की जी.एन.जी.- 469 तथा आर.एस.जी-888 का अनुमोदन किया गया. ईसबगोल की एच.आई.-5 व निहारिका, गेहूं की राज-4238, एच.डी-3226, डी. बी. डब्लू-303, जौ की आर.डी-2899 व आर.डी-2907, रिजका की आर. एल-88, बरसीम की बी.बी-2 किस्मों को इस क्षेत्र के लिए उपयुक्त पाया गया. कुल 11 अनुशंसाएं की गई एवं 3 तकनीकों को सत्यापित करने के लिए ग्राह्य परीक्षण केन्द्र पर भेजा गया.
बैठक के दौरान विभिन्न वैज्ञानिकों ने अपने रबी 2022-23 के प्रयोगों के परिणामों का प्रस्तुतिकरण दिया तथा विभिन्न नवीन तकनीकों के ऊपर गहन विचार विमर्श किया. कृषि विभाग के अधिकारियोेें ने प्रस्तुतिकरण में अपने विभाग की प्रगति के बारे में अवगत कराया. इस कार्यक्रम में अतिरिक्त निदेशक (कृषि विस्तार) डाॅ. सुरेन्द्र सिंह, व निदेशक भू- सदृश्यता एवं राजस्व सर्जन डाॅ. दाताराम, प्रभारी, काजरी डाॅ. नवरतन पंवार, केन्द्रीय शुष्क क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र एवं कृषि विभाग के बीकानेर, जैसलमेर एवं चुरू के 92 अधिकारियों ने भाग लिया.
.
Tags: Bikaner news, Hindi news, Local18, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : September 21, 2023, 13:58 IST