
विपक्ष की तरफ से राष्ट्रपति पद के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का चुनाव हारने की संभावना सबसे अधिक है। द्रौपदी मुर्मू का चुनाव जीतना लगभग तय माना जा रहा है। इसी बीच राजनीतिक विश्लेषक और कांग्रेस के करीबी कहे जाने वाले तहसीन पूनावाला ने यशवंत सिन्हा को उमीदवार बनाये जाने पर सवाल उठाये हैं।
तहसीन पूनावाला ने लिखा कि ‘श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को एनडीए से अधिक वोट मिलेंगे। यशवंत सिन्हा जी को विपक्ष का उम्मीदवार नहीं होना चाहिए था। ये राष्ट्रपति चुनाव विपक्षी एकता को तोड़ सकता है। विपक्ष के पास बेहतर उम्मीदवार होना चाहिए था।’ तहसीन पूनावाला के इस ट्वीट पर तमाम लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
लोगों की प्रतिक्रियाएं: नारायण राव नाम के यूजर ने लिखा कि ‘आप जैसे नेताओं की वजह से ही विपक्ष बंटेगा। जिस दिन उनका नाम सुझाया गया था, क्या आपने यशवंत सिन्हा के विपक्ष की पसंद होने पर अपना असंतोष प्रकट किया था?’ राजगोपालन नाम के यूजर ने लिखा कि ‘सोनिया गांधी राष्ट्रपति पद के लिए सिन्हा से बेहतर उम्मीदवार हैं। वह पीएम पद से चूक गईं।’
मयूर सेजपाल नाम के यूजर ने लिखा कि ‘कब तक हार को जस्टिफाई करोगे? पिछले 8 साल में 50 से ज्यादा बार चुनाव हार चुके हो और अब 2 राज्य बचे हैं वो भी जल्दी चले जाएंगे, कभी तो हिम्मत से बोलो कि हमारे नेता में ही कमी है।’ सैंडी नाम के यूजर ने लिखा कि ‘ऐसे तो आपको राहुल गांधी को प्रपोज करना चाहिए था। इससे विपक्ष एकजुट हो सकता है!’
सालिन माथुर नाम के यूजर ने लिखा कि ‘यशवंत सिन्हा की जीत की किसी को उम्मीद नहीं थी, लेकिन बीच में कहीं न कहीं वह खुद को अगले राष्ट्रपति के रूप में गलत तरीके से कल्पना करने लगे।’ संदीप नाम के यूजर ने लिखा कि ‘राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार श्री यशवंत सिन्हा के प्रति सम्मान के साथ, मुझे इस बात पर आश्चर्य हुआ कि पूरे विपक्ष के पास अपना कोई विश्वसनीय उम्मीदवार नहीं था, इसलिए उन्हें पूरे विपक्ष का विरोध करने वाले को चुनना पड़ा। उन्हें अपनी ही पार्टी में दरकिनार नहीं कर दिया गया।’
बता दें कि यशवंत सिन्हा पहले भारतीय जनता पार्टी में थे। केन्द्रीय मंत्री रहे और इसके बाद मोदी सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए भाजपा छोड़ दिए और टीएमसी में शामिल हो गए। अब राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष ने अपनी सहमति से उन्हें उम्मीदवार बनाया। हालांकि उनके चुनाव जीतने की संभावना कम है।