
भगत सिंह को आतंकवादी बताने वाले सांसद सिमरनजीत सिंह मान की चारों तरफ आलोचना हो रही है। अब हरियाण के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उनको निशाने पर लिया है। खट्टर ने कहा कि पिछली बार भी उन्होंने चुनाव जीता था, लेकिन शपथ से पहेल इस्तीफा दे दिया था।
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि उनका चरित्र हमेशा से ऐसा ही रहा है। पिछली बार भी उन्होंने चुनाव जीता था, लेकिन शपथ लेने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। अगर उन्हें शपथ लेनी है, तो उन्हें इसे ठीक से लेना होगा, वरना वह बाहर हो सकते हैं।
इससे पहले कवि कुमार विश्वास ने सांसद सिमरनजीत सिंह मान का वीडियो शेयर करते हुए लिखा था-‘शहीद ए आज़म भगत सिंह। हम शर्मिंदा हैं शायद हम स्वार्थी लोग आपको बलिदान के अधिकारी ही नहीं थे। चिंगारी सुलगा दी गई है, आग फैल रही है और सब अपने-अपने लोभ और डर से चुप हैं। जब आगाह किया था तो लोग मुझ पर हंस रहे थे। जितना आम जनता सोच रही है, हालात उससे कहीं ज़्यादा ख़राब हैं, होंगे।
पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने भी मान को माफी मांगने के लिए कहा था। मान ने यह विवादित बयान हरियाणा के करनाल में दिया था। वहीं भाजपा, अकाली दल और कांग्रेस ने भी सिमरनजीत मान के बयान को गलत करार दिया।
क्या कहा था सिमरनजीत सिंह मान ने-
संगरूर से नए चुने सांसद सिमरनजीत सिंह मान ने कहा था कि सरदार भगत सिंह ने एक अंग्रेज नौजवान, एक अफसर और एक सिख कॉस्टेबल को मार दिया था। नेशनल असेंबली में बम फेंक दिया था। भगत सिंह आतंकवादी है या भगत है, यह बता दीजिए। बेगुनाह आदमियों को मारना और पार्लियामेंट में बम फेंक देना शराफत की बात है। कुछ भी हो, लेकिन भगत सिंह आतंकवादी तो है।
वहीं सोमवार को लोकसभा में पंजाबी में शपथ लेते हुए मान ने कहा, “मैं भारतीय संविधान में विश्वास की पुष्टि करता हूं।” मान ने संगरूर की बेहतरी के लिए काम करने का भी वादा किया।
पूर्व पुलिस अधिकारी रह चुके हैं मान
सिमरनजीत सिंह मान ने हाल ही में संगरूर लोकसभा उपचुनाव में आप के गुरमेल सिंह को हराया है। उन्होंने 5,800 से अधिक मतों से जीत हासिल की। 77 साल के पूर्व पुलिस अधिकारी मान ने 1984 में ऑपरेशन ब्लूस्टार के बाद सेवा छोड़ दी थी और 1989 के आम चुनाव एक बड़ी जीत दर्ज की थी। उन्होंने तरनतारन से 4.6 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। तब उन्होंने कृपाण के बिना संसद में प्रवेश करने से इनकार कर दिया था।