
बीकानेर: देश में माताजी के कई मंदिर हैं, जहां दर्शन करने के लिए लाखों लोग जाते हैं. हर मंदिर की अपनी अलग खासियत होती है. कई मंदिरों में मां अपने अलग-अलग रूपों में विराजमान हैं. ऐसा ही एक मंदिर है जहां माता के नौ रूप एक साथ विराजमान हैं और इन नौ रूपों की एक साथ आरती होती है. हम बात कर रहे हैं बीकानेर के सुजानदेसर स्थित काली माता मंदिर की, जहां माता के नौ रूप की प्रतिमा है. यहां सुबह और शाम को हजारों लोग दर्शन करने के लिए आते हैं. ऐसे में इस मंदिर में नवरात्रि में मेला भी भरता है, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं.
पुजारी राधेश्याम ने दी जानकारी
पुजारी राधेश्याम ने बताया कि यह मंदिर करीब 25 साल पुराना है. इस मंदिर में सबसे पहले गणेश जी की प्रतिमा विराजित है, उसके बाद नौ देवियों की प्रतिमा है. इनमें शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, महागौरी, सिद्धिदात्री, सती, सरस्वती, हनुमानजी, सीताराम, लक्ष्मण, महादेव और राधाकृष्ण की प्रतिमा लगी हुई है. इसके अलावा यहां काला और गौरा भैरव की विशालकाय प्रतिमा भी है. इस मंदिर में भक्त जो भी अपनी मनोकामना लेकर आते हैं, वह पूरी होती है.
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बता दें कि यह मंदिर सुबह 4:15 बजे खुलता है और रात 12 बजे तक खुला रहता है. इस मंदिर में काली माता की प्रतिमा 4 या 5 फुट नहीं बल्कि 11 फुट 3 इंच की है. यह बीकानेर में ऐसा पहला काली माता मंदिर है जिसकी ऊंचाई 11 फुट है. ऐसे में काली माता के दर्शन के लिए शहर के अलावा कोलकाता, मुंबई सहित राजस्थान के कई शहरों से लोग आते हैं. यह मंदिर सुबह से शाम तक खुला रहता है.
मूर्ति निर्माण की कहानी
पुजारी ने बताया कि इस मंदिर में माता की मूर्ति बनाने में करीब डेढ़ साल का समय लग गया और यह मूर्ति पांच धातुओं से बनी हुई है. हरियाणा के एक बाबा ने 25 साल पहले यहां एक पैर पर तीन साल तक तपस्या की. तपस्या के दौरान जब माता ने अपना स्थान मांगा तो बाबा ने इसी जगह को माता का मंदिर बना दिया. धीरे-धीरे यह मंदिर का स्वरूप बदलने लगा और यह मंदिर के चारों तरफ पेड़-पौधे लग गए हैं, जिससे शाम के समय लोग यहां दर्शन करने के बाद बैठते हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 4, 2024, 14:46 IST