<p style="text-align: justify;"><strong>Delhi Services Bill: </strong>दिल्ली में ग्रुप-ए अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के अधिकारों को लेकर अगले हफ्ते संसद में विधेयक पेश किया जाएगा. सरकार की तरफ से पेश किए जाने वाले इस विधेयक के खिलाफ वोटिंग के लिए तमाम विपक्षी दलों ने एकजुटता दिखाई है. तमाम दलों ने अपने सभी सांसदों को मौजूद रहने और वोट करने के लिए व्हिप जारी किया है. इसी क्रम में जेडीयू ने भी पार्टी के राज्यसभा सांसदों को एक तीन लाइन का व्हिप जारी किया है. खास बात ये है कि इस बार राज्यसभा के उपसभापति पद पर मौजूद हरिवंश नारायण सिंह को भी व्हिप भेजा गया है. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>सभी सांसदों को भेजा गया थ्री लाइन व्हिप</strong><br />नीतीश की पार्टी जेडीयू ने संसद के मानसून सत्र के लिए पार्टी के राज्यसभा सांसदों को दिल्ली सेवाओं पर केंद्र के विधेयक के खिलाफ मतदान करके पार्टी के रुख का समर्थन करने के लिए तीन पंक्तियों वाला व्हिप जारी कर उपस्थित रहने को कहा है. इस व्हिप को जेडीयू सांसद और उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह को भी स्पीड पोस्ट के जरिए पहुंचा दिया गया है. व्हिप के मुताबिक अगर कोई सांसद मतदान नहीं करता है तो उसके खिलाफ अयोग्यता की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. </p> <p style="text-align: justify;">बता दें कि राज्यसभा के उपसभापति का पद एक संवैधानिक पद है, इससे पहले कभी भी पार्टी की तरफ से उपसभापति को व्हिप नोटिस नहीं दिया गया. हरिवंश पिछले लंबे समय से नीतीश के खिलाफ जाते रहे हैं. जब नीतीश ने बीजेपी से नाता तोड़ा था, तब वो चाहते थे कि हरिवंश उपसभापति का पद छोड़ दें, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>क्या कहता है नियम</strong><br />राज्यसभा के नियम के मुताबिक पार्टी व्हिप हर सांसद पर लागू होता है, लेकिन वो सांसद सभापति के पद पर है और संसद की कार्यवाही के दौरान चेयर पर बैठा हुआ है तो इस सूरत में उस पर व्हिप लागू नहीं होता है. ऐसे में अगर हरिवंश आसन पर बैठते हैं तो उन्हें अयोग्यता का खतरा नहीं होगा. </p> <p style="text-align: justify;">दिल्ली को लेकर लाए जाने वाले इस विधेयक पर केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शुक्रवार 28 जुलाई को बताया कि इस विधेयक को अगले हफ्ते लोकसभा में लाया जाएगा. मेघवाल ने आने वाले सप्ताह में सदन में होने वाले कामकाज की जानकारी देते हुए इसका जिक्र किया.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>विपक्षी सांसदों ने दिए नोटिस</strong><br />जब निचले सदन में ‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक’ को पेश किया जाएगा तो विवादास्पद अध्यादेश के विरोध में वैधानिक प्रस्ताव लाने के लिए विपक्ष के कई नेताओं के नोटिस पर भी विचार किया जाएगा. लोकसभा सचिवालय ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, पार्टी सदस्य डीन कुरियाकोस, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय, द्रमुक के ए राजा और आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन समेत कई विपक्षी नेताओं के नोटिस स्वीकार कर लिए हैं. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को ‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक’ को मंजूरी दी थी. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें- <a title="विपक्ष के समर्थन की घोषणा के बावजूद क्या राज्यसभा में AAP रोक पाएगी दिल्ली का अध्यादेश? जानें कौन साथ है और कौन खिलाफ" href="https://www.abplive.com/news/india/delhi-ordinance-row-politics-will-aap-be-able-to-stop-the-bill-related-after-opposition-support-ann-2461607" target="_self">विपक्ष के समर्थन की घोषणा के बावजूद क्या राज्यसभा में AAP रोक पाएगी दिल्ली का अध्यादेश? जानें कौन साथ है और कौन खिलाफ</a></strong></p>