
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के माल इलाके में कथित रूप से एक दलित युवक की चारपाई में बम बांधकर उड़ा दिया गया था। हालांकि, इस मौत के दस दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं और अभी तक यह पता नहीं चल पाया कि इस वारदात के पीछे कौन था। जबकि मृतक के पिता ने आरोप लगाया कि उनके बेटे की हत्या दुश्मनी के चलते की गई थी।
जानकारी के अनुसार, माल इलाके में घटना 18 जून की रात को हुई थी। जब मृतक घर के बाहर चारपाई पर सो रहा था। इस धमाके के बाद 18 वर्षीय युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और फिर 22 जून को लखनऊ के केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। युवक के पिता मेवालाल रावत ने अपनी शिकायत में कहा है कि ऊंची जाति के दो लोगों ने “परिवार से दुश्मनी” के चलते उनके बेटे की हत्या कर दी।
लखनऊ ग्रामीण पुलिस अधीक्षक (एसपी) हिरदेश कुमार ने बताया कि, माल इलाके में शिवम रावत नाम का युवक अपने घर के बाहर सो रहा था। उस दौरान किसी ने उसकी चारपाई के नीचे विस्फोटक पदार्थ बांध दिया। जब धमाका हुआ तो वह इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गया। जब जांच हुई तो फोरेंसिक टीम को पता चला कि यह एक सुतली बम था।
एसपी ने कहा कि युवक के पिता ने अपनी शिकायत में एक ही गांव के दो लोगों पर हत्या का संदेह जताया है। हालांकि, इस मामले में उन्हें वारदात को अंजाम देते हुए किसी ने देखा नहीं है। शिकायतकर्ता का मानना है कि एक ही गांव के व्यक्तियों दीपू सिंह और तेज बहादुर ने दुश्मनी के चलते उसे मार डाला। एसपी ने बताया कि, युवक उत्तराखंड के हरिद्वार में मजदूरी करता था।
इस घटना में आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) की धारा 302 (हत्या) और एससी/एसटी एक्ट और विस्फोटक अधिनियम की सुसंगंत धाराओं में केस दर्ज किया गया है। वहीं इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) हिरदेश कठेरिया ने कहा कि अभी उन्होंने दोनों संदिग्धों को पूछताछ के लिए बुलाया है और जांच के मुताबिक इस घटना में चार संदिग्ध हैं।
एएसपी ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि विस्फोट के बाद युवक के शरीर में संक्रमण फैल गया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। वहीं जब उनसे पूछा गया कि इस घटना में जांच में इतना समय क्यों लग रहा है और आरोपियों से पहले पूछताछ क्यों नहीं की गई तो उन्होंने कहा कि जांच जारी थी और हम पूछताछ कर रहे हैं।