
मुंबई: देश की विभिन्न कोर्ट हादसे में मौत पर मुआवजा देती हैं। कई बार ये मुआवजे हजारों-लाखों में होते हैं। कुछ ही मामले में जो करोड़ तक पहुंचते हैं। इन गिनेचुने मामलों में मुंबई का एक केस भी शामिल हो गया है, जहां एक मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने टैंकर मालिक और एक बीमा कंपनी पर 3 करोड़ 11 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। वाद कांदिवली स्थित 37 वर्षीय सुरक्षा सेवा कंपनी के जोनल प्रमुख की मौत का है। उनकी स्कूटर में 2018 को एक भारी वाहन ने टक्कर मार दी थी, वह उस समय स्कूटर में पीछे बैठे थे।
यह रकम पीड़ित प्रशांत विश्वास की मां, पत्नी और नाबालिग बेटियों को देना होगा। ट्राइब्यूनल ने मुआवजे की राशि की गणना करते समय पीड़ित के 17 लाख रुपये के वार्षिक वेतन पर विचार किया।
पुलिस की रिपोर्ट पर किया गौर
ट्राब्यूनल ने टैंकर चालक के खिलाफ दर्ज एफआईआर और अन्य पुलिस दस्तावेजों पर भरोसा करते हुए कहा, ‘इस प्रकार सबूतों से यह साबित होता है कि दुर्घटना तेज रफ्तार टैंकर चला रहे ड्राइवर की लापरवाही से हुई। उस दुर्घटना में प्रशांत को चोटें आईं।’ टैंकर मालिक दीना बी गावड़े और नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के खिलाफ दावा दायर किया गया था।
तेज रफ्तार टैंकर ने मारी थी टक्कर
प्रशांत का स्कूटर पर थे और राजमार्ग के पास एक जंक्शन पर पहुंचे थे। तभी टैंकर पीछे से तेज गति से आया और लापरवाही से उनकी स्कूटर को टक्कर मार दी। टक्कर के बाद प्रशांत सड़क पर गिर गए और उसी दिन उसकी मृत्यु हो गई। ट्राइब्यूनल के नोटिस के बावजूद टैंकर मालिक पेश नहीं हुआ, इसलिए मामला उसके खिलाफ एकतरफा आगे बढ़ा। बीमा कंपनी ने याचिका का विरोध किया और कहा कि आवेदन गलत है क्योंकि सवार और स्कूटर के मालिक को कार्यवाही में पक्षकार नहीं बनाया गया था।
ड्राइवर के नशे में दावा, कोर्ट ने किया खारिज
बीमा कंपनी के अनुसार, दुर्घटना के समय टैंकर चालक शराब के नशे में था। चालक ने मोटर वाहन अधिनियम के तहत निर्धारित नियमों का उल्लंघन किया है और इस प्रकार नीति के नियमों और शर्तों का उल्लंघन किया है।
ट्राइब्यूनल ने एक डॉक्टर की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसने टैंकर की जांच की थी। डॉक्टर ने नोट किया था कि ड्राइवर के मुंह और सांस से शराब की गंध आ रही थी लेकिन उसकी बोली और चाल सामान्य थी और चलने में सक्षम था। शारीरिक तौर पर भी वह फिट पाया गया।