सोनाली भाटी/जालौर. राजस्थान की ग्रेनाइट नगरी जालौर जो अपने पत्थरों के लिए बहुत ही मशहूर है.दुनियाभर में बेहतरीन ग्रेनाइट की सप्लाई की वजह से मशहूर जालौर को ‘ग्रेनाइट सिटी’ भी कहा जाता है. बता दें कि यहां ग्रेनाइट के अलावा कई तरह के खनिज भी पाए जाते हैं. अरावली पर्वत श्रृंखलाओं के पहाड़ों के बीच जालौर शहर एक अमूल्य धरोहर है. इन पहाड़ों से निकलने वाले पत्थर देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी जालौर की एक अनूठी पहचान बनाए हैं. यहां लगभग 1200 के आसपास फैक्ट्रियां होने के कारण इसे ग्रेनाइट नगरी कहा जाता है. यहां के पर्वतों से निकलने वाले पत्थर की पूरे विश्व में मांग है.
जालौर जिले की एक कहावत बहुत ही मशहूर है कि “बिकते तो पत्थर भी है बस बेचने वाला चाहिए”. यह कहावत जालौर की ग्रेनाइट इकाइयों के पत्थर को लेकर एकदम सटीक साबित हो रही है. देश के हर कोने तक पहुंच रखने वाला जालोर अपने ग्रेनाइट को अब चीन, यूएसए और दुबई, सहित कई देशों तक पहुंचा दिया है. फैक्ट्री मैनेजर थान सिंह नरूका ने बताया कि अब जालोर ग्रेनाइट उद्योग के लिए पत्थर देश के दो बड़े प्रोजेक्ट में जालौर का ग्रेनाइट लगाया जा रहा है पहला दिल्ली में बन रहे संसद के नवीन भवन और दूसरे अयोध्या के राम मंदिर के लिए जालोर के ग्रेनाइट का चयन किया गया है.
राम मंदिर में भी लगा है जालौर का पत्थर
हजारों टन माल अब दिल्ली और अयोध्या भेजा जा गया है ऐसे में मंदी की मार झेल रहे जालोर के ग्रेनाइट उद्योग के लिए पत्थर बड़े प्रोजेक्ट में काम आ रहा है. अयोध्या में बने भगवान श्री राम मंदिर निर्माण के लिये करीब 3 लाख वर्ग फुट ग्रेनाइट की भेजा गया है. जालोर का ग्रेनाइट अरब कंट्री, चाइना, इटली, इंग्लैंड, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, टर्की और नेपाल तक जाता है. इनके अलावा बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई एयरपोर्ट में भी यहां का ग्रेनाइट जा रहा है.
जालौर शहर जहां पाए जाते हैं 125 रंगों के ग्रेनाइट
वर्तमान में जालौर की ग्रेनाइट इकाइयों से करीब 125 प्रकार के अलग-अलग रंगों की ग्रेनाइट निकल रहे हैं. जालौर मंडी से रोजी, चीमा, पी व्हाईट, कोराणा, जेएड ब्राउन, देवरा, कोलीवाडा, चाइना व्हाइट, कॉटन व्हाईट, जीरावल, एस व्हाईट, लाखा, बाला फ्लावर, क्रिस्टल येलो, क्रिस्टल ब्लू, सिंदूरी ,अलास्का रेड ,सवाना व्हाईट, ब्लू डूंस,अलास्का व्हाईट, अलास्का ग्रे ,अलास्का गोल्ड, अरीजोना फोस्ट, एस्पिन व्हाईट ,रिवर ग्रीन, मारी गोल्ड, डेस्ट ब्राउन, अजुल नोवा , आर ब्लैक, एप्पल ग्रीन, कॉपर गोल्ड समेत 125 रंग उपलब्ध है.
यहां के ग्रेनाइट की विशेषताएं
कुछ खास रंगों की ग्रेनाइट की ग्राहक करते हैं सबसे अधिक डिमांड जैसे रोजी, चीमा, पी व्हाईट ,जेब्रोन, एस व्हाईट इन पत्थरों की खासियत यह है कि यह पूरी तरह से प्राकृतिक रंगों से बने हुए हैं इनकी चमक सालों साल बरकरार रहती है और जितना ज्यादा पत्थर पुराना होता जाएगा उतनी ही पत्थर की चमक बढ़ती जाती हैं, साथ ही यह पत्थर खुरदुरा नहीं होता प्राकृतिक रंग होने के कारण इस पत्थर के रंग में किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं आता, यहां का ग्रेनाइट बहुत ही ठंडा होता है इसकी कीमत की ₹40 से ₹200 स्क्वायर फीट तक होती है.
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FIRST PUBLISHED : January 23, 2024, 15:15 IST