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Khandwa Narendra Patel: मध्य प्रदेश के लिए कांग्रेस ने अपनी आखिरी लिस्ट जारी कर दी है. पार्टी ने ग्वालियर, खंडवा और मुरैना से प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. कांग्रेस ने चौंकाते हुए खंडवा लोकसभा सीट से अरुण यादव का टिकट काटकर नरेंद्र पटेल ( Narendra Patel) पर इस बार विश्वास जताया है. बता दें कि नरेंद्र पटेल ने 2023 विधानसभा के चुनाव में भी किस्मत आजमाई थी लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. बड़वाह सीट से BJP उम्मीदवार सचिन बिड़ला ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने नरेंद्र को 5499 वोटों से हराया था. अब नरेंद्र पटेल का मुकाबला बीजेपी के ज्ञानेश्वर पाटिल से होगा.
बता दें कि 63 साल के नरेंद्र पटेल ने 12वीं तक ही शिक्षा प्राप्त की है, लेकिन उनका राजनीतिक करियर काफी अनुभव वाला और लंबा रहा है.
कांग्रेस अध्यक्ष श्री @kharge की अध्यक्षता में आयोजित ‘केंद्रीय चुनाव समिति’ की बैठक में लोकसभा चुनाव, 2024 के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों के नाम की लिस्ट। pic.twitter.com/KqrOXcjadU
— Congress (@INCIndia) April 6, 2024
कौन हैं नरेंद्र पटेल?
वैसे तो नरेंद्र पटेल को राजनीति विरासत में मिली हैं, लेकिन वे युवा दौर से ही कांग्रेस के लिए सक्रिय राजनीति करते आ रहे हैं. वे जिला युवक कांग्रेस में महामंत्री रहे, जिला कांग्रेस के महामंत्री का पद भी (2006-2012) उन्होंने हासिल किया, इसके अलावा वे 9 साल (2013-2021) तक सनावद ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष भी रहे. बता दें कि उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि शुरू से कांग्रेस संगठन में काफी मजबूत रही है.
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गुर्जर समुदाय के वोटों पर दबदबा
कांग्रेस प्रत्याशी नरेंद्र पटेल के पिता स्व. प्यारेलाल पटेल नगर पालिका सनावद में पार्षद व भोगंवा निपानी के सदस्य व सरपंच रहे हैं. इसके अलावा उनके चाचा स्व. ताराचंद पटेल बड़वाह विधानसभा से विधायक (1993-1998) और खरगोन लोकसभा सीट से 1999-2004 तक सांसद भी रहे हैं. ये ही एक बड़ा कारण है कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से उनका परिचय शुरू से अच्छा रहा है.
बता दें कि कांग्रेस ने उन्हें 2023 विधानसभा चुनाव में खरगोन जिले की बड़वाह विधानसभा सीट से टिकट दिया था. तब अरुण यादव, कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की पंसद होने की वजह से उन्हें इस सीट से टिकट मिला था. हालांकि वो यहां जीत हासिल नहीं कर पाए थे. इसके अलावा उनका गुर्जर समुदाय के वोटों में भी काफी दबदबा माना जाता है. वे खुद भी गुर्जर समुदाय से आते हैं.
खंडवा लोकसभा सीट जातिगत समीकरण
खंडवा लोकसभा के जातीय समीकरण की अगर बात की जाए तो यहां अनुसूचित जाति और जनजाति का खासा दबदबा है. 2019 लोकसभा के मुताबिक यहां एससी-एसटी वर्ग के 7 लाख 68 हजार 320 मतदाता हैं. 4 लाख 76 हजार 280 ओबीसी के, अल्पसंख्यक 2 लाख 86 हजार 160 और सामान्य वर्ग के 3 लाख 62 हजार 600 मतदाता हैं. इसके अलावा अन्य की संख्या 1500 है. इस सीट पर आदिवासी और अल्पसंख्यक वोट बैंक को निर्णायक माना जा रहा है.